धर्म उस आग की जो प्रत्येक मनुष्य के, अंदर जलती है ज्वाला को प्रज्वलित, करने में सहायता करता है। Sarvepalli Radhakrishnan
धर्म की शक्ति अनेक जीवन की शक्ति है, धर्म की दृष्टि ही जीवन की दृष्टि है। Sarvepalli Radhakrishnan
आध्यात्मक जीवन भारत, की प्रतिभा है | Sarvepalli Radhakrishnan
यदि मानव दानव बन जाता है, तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है, तो ये चमत्कार है, यदि मनुष्य मानव बन जाता है, तो ये उसके जीत है | Sarvepalli Radhakrishnan
कहते हैं कि धर्म के बिना, इंसान लगाम के बिना घोड़े, की तरह है | Sarvepalli Radhakrishnan
कवि के धर्म में किसी निश्चित, सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है | Sarvepalli Radhakrishnan
किताब पढना हमें एकांत में, विचार करने की आदत, और सच्ची ख़ुशी देता है | Sarvepalli Radhakrishnan
हमें मानवता को उन नैतिक, जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए, जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता, दोनों का उद्गम हो | Sarvepalli Radhakrishnan
कला मानवीय आत्मा की, गहरी परतों को उजागर करती है, कला तभी संभव है, जब स्वर्ग धरती को छुए | Sarvepalli Radhakrishnan
पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से, हम विभिन्न संस्कृतियों, के बीच पुल का निर्माण, कर सकते हैं | Sarvepalli Radhakrishnan
केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन, के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है, स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक, अखंडता की अनिवार्यता है | Sarvepalli Radhakrishnan
भगवान् की पूजा नहीं होती, बल्कि उन लोगों की पूजा होती है, जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं, पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं, ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है | Sarvepalli Radhakrishnan